प्राचीन भारत के इतिहास को जानने के लिए हमें पाषाण काल के तीनो कालखंडो को
जानना होगा जिसमे पुरापाषाण काल, मध्यपाषाण काल तथा नवपाषाण काल आते हैं तत्पश्चात हम ताम्र काल तथा कांस्य युग का अध्ययन करेंगे । पाषाण शब्द संस्कृत भाषा का शब्द है जिसे हिंदी में पत्थर कहा जाता हैं । पाषाण काल में मानव पत्थरों पर अत्यधिक आश्रित रहता था, वो पत्थरों की गुफाओं में रहता था तथा पत्थरों के औजारों से शिकार कार्य भी करता था तथा पत्थर से आग को भी पैदा करता था । पत्थरों के उपकरणो का पाषाण काल में उपयोग करने का विश्व में सबसे प्राचीनतम प्रमाण इथोपिया और केन्या से मिला, ये देश अफ्रीका महाद्वीप में अवस्थित हैं । भीमबेटका (भोपाल, मध्यप्रदेश) में इसी काल की गुफाएं, शैलाश्रय तथा अन्य कलाकृतियां प्राप्त हुई हैं, इसके अतिरिक्त बेलन, सोहन तथा नर्मदा नदी घाटी से इसके अवशेष प्राप्त हुए हैं ।
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